पैरालंपिक खेल – पैरालंपिक 2020 में भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन हुआ है इसमें भारत में कुल 18 पदक अपने नाम किए हैं जिसमें 5 गोल्ड 6 सिल्वर आठ कांस्य पदक हैं और भारत में 24वें नंबर का स्थान प्राप्त किया है जो कि ओलंपिक से भी कई गुना अच्छा है
लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्या है चलिए हम आपको बताते हैं पैरालंपिक, ओलंपिक की तरह ही एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता है
लेकिन इसमें एक बड़ा फर्क है पैरालंपिक में सिर्फ विकलांग और सरिरिक रूप से अक्षम एवं कमबुद्धि वाले प्रतियोगी ही भाग ले सकते है ना रोचक जानकारी, पैरालंपिक में 163 देशों के लगभग 400 से ज्यादा प्रतियोगी भाग लेते हैं, और आज इस आर्टिकल में हम पैरालंपिक के बारे में विस्तार से जानेंगे –
पैरालंपिक क्या है
पैरा ओलंपिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली एक प्रतियोगिता है विभिन्न देशों के प्रतियोगी भाग लेते हैं यह ओलंपिक के 2 महीने बाद शुरू किया जाता है इसमें 24 से ज्यादा खेलो की प्रतिस्पर्धा होती हैं
पैरा ओलंपिक में सिर्फ सरीरिक रूप से अक्षम, विकलांग, कम बुद्धि वाले ही प्रतियोगी खेल सकते हैं यह लगभग 1 महीने तक चलता है,जितने वाले प्रतियोगियों को स्वर्ण पदक, रजत पदक एवं कांस्य पदक देकर सम्मानित किया जाता है,
पैरालंपिक का इतिहास
ओलंपिक का इतिहास 72 वर्ष पुराना है इसकी शुरुआत 1948 में ब्रिटिश देश द्वारा किया गया था इसके पीछे का मकसद द्वितीय विश्वयुद्ध में जिन सैनिकों की रीड की हड्डी में चोट लगी थी तथा वह व्हीलचेयर पर थे
उनको अगले 10 सालों में ठीक करने का लक्ष्य रखते हुए इसकी शुरुआत की गई थी, इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर गेम्स का नाम दिया गया इसके जनक सर गुडवनिंग गुट्टमान मानते है जो कि स्टोक मानडेविल अस्पताल में एक न्यूरोलॉजिस्ट के रूप में काम किया करते थे,
उन्होंने ही इस पैरालंपिक की नींव रखी थी साल 1948 में लंदन में हुए ओलंपिक खेलों के कुछ ही महीने बाद पैरालंपिक खेलों का भी प्रारंभ कर दिया गया, शुरुआत के पैरालंपिक में सिर्फ व्हीलचेयर पर बैठकर ही खेलों को खेला जा सकता था
जिसे लोगों द्वारा बेहद पसंद किया गया और यह दुनिया भर में काफी चर्चा में रहा, 1952 में पैरालंपिक खेलों का आयोजन दूसरी बार किया गया, इस बार इन खेलों में ब्रिटेन के साथ-साथ कई अन्य देशों के खिलाड़ियों ने भी भाग लिया
और 1960 में इसका नाम अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर गेम्स से बदलकर पैरालंपिक कर दिया गया, रोम में हुए तीसरे पैरालंपिक खेलों में 29 देशों के कुल 400 खिलाड़ियों ने भाग लिया यही पैरालंपिक की सही मायने में शुरुआत हुई
फिर दिन-ब-दिन पैरालंपिक की सिद्धि बढ़ती चली गई और दुनिया भर में पैरालंपिक काफी प्रसिद्ध हो गया 1964 और 1968 में हुए पैरा ओलंपिक खेलों में कुल 53 देशों के 300 खिलाड़ियों ने इसमें भाग लिया,फिर 1976 में पैर ओलंपिक खेलों में कुछ जरूरी बदलाव किए गए अभी तक हुए पैराओलंपिक खेलों मे व्हीलचेयर के साथ ही भाग ले सकते हैं,
लेकिन 1976 में बिना व्हीलचेयर वाले खिलाड़ियों को भी प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति प्रदान की गई, जो कि पैरालंपिक की और अधिक प्रसिद्ध होने का कारण बनी, वर्तमान में पैरालंपिक के अभी तक 11 संस्करण हो चुके हैं जिनमें से कुल 120 देशों ने भाग लिया है
पैरालंपिक खेलों का जनक किसे माना जाता है?
पैरालंपिक खेलों का जनक सर गुडविंग गट्टमान को माना जाता है जिन्होंने 1948 में पैरालंपिक की नींव रखी थी
पैरालंपिक में कितने प्रकार के खेल होते हैं
पैरालंपिक में होने वाले खेलों का समय समय का बदलाव होते रहते हैं जिसके कारण कई खेलों को हटाया और सम्मिलित किया जाता है हाल ही में हुए टोक्यो पैरालंपिक में कुल 24 तरीके को खेलों को शामिल किया गया है
पैरालंपिक खेलों का आयोजन कितने वर्ष के अंतराल पर होता है
पैरालंपिक खेलों का आयोजन ओलंपिक खेलों की तरह ही 4 वर्ष के उपरांत होता है यह ओलंपिक के 2 महीने बाद शुरू किया जाता है
पैरालंपिक खेलों में भारत का इतिहास
भारत में 1960 में पहली बार पैरालंपिक खेलों में भाग लिया था भारत अब तक पैरालंपिक में 9 संस्करण में भाग ले चुका है जिसमें भारत ने कुल 25 पदक जीते हैं जिनमें से 6 गोल्ड 10 रजत और 9 कांस्य पदक हैं
सबसे पहला पदक मुरलीकांत पाटेकर द्वारा जीता गया था जिन्होंने तैराकी में 33.73 सेकेंड के साथ भारत को पहला स्वर्ण पदक जीता या था
नाम | सन (1960-2021) | खेल | पदक |
मुरलीकांत पाटेकर | 1972 | तैराकी | गोल्ड मेडल |
भीमराव केसरकर | 1984 | जॉलाइन थ्रो | सिल्वर मेडल, |
जोगिंदर सिंह बेदी | 1984 | डिस्क throw | सिल्वर मेडल, ब्रोंज मेडल |
देवेंद्र झाझरिया | 2004 | डिस्क थ्रो | स्वर्ण पदक |
राजेंद्र सिंह | 2004 | वेटलिफ्टिंग | कांस्य पदक |
गिरीश अन गौड़ | 2012 | बैडमिंटन | रजत एवं कांस्य पदक |
मरियप्पन यंगआतेनु | 2016 | हाई जंप | स्वर्ण पदक |
वरुण सिंह भाटी | 2016 | हाई जंप | कांस्य पदक |
देवेंद्र झाझरिया | 2016 | डिस्क थ्रो | स्वर्ण पदक |
दीपा मलिक | 2016 | shot put | रजत पदक |
भवानी पटेल | 2020 | सुमन सिंगल टेबल टेनिस | रजत पदक |
निषाद कुमार | 2020 | हाई जंप | स्वर्ण पदक |
अवनी लखेरा | 2020 | राइफल शूटिंग | गोल्ड पदक |
देवेंद्र झाझरिया | 2020 | डिस्क थ्रो | रजत पदक |
सुंदर सिंह गुर्जर | 2020 | जेवलिन थ्रो | कांस्य पदक |
योगेश | 2020 | डिस्क थ्रो | गोल्ड पदक |
सुमित अतीत | 2020 | जैवलिन थ्रो | स्वर्ण पदक |
सिंह राज अदाना | 2020 | 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग | कांस्य पदक |
मरियप्पन यागवर्ट | 2020 | हाई जंप | रजत पदक |
सरद कुमार | 2020 | शूटिंग | कांस्य पदक |
प्रवीण कुमार | 2020 | हाई जंप | रजत पदक |
अवनी लखेरा | 2021 | राइफल शूटिंग | रजत पदक |
हरविंदर सिंह | 2020 | तीरंदाज | कांस्य पदक |
मनीष नरवात | 2020 | 50 मीटर पिस्टल शूटिंग | गोल्ड पदक |
सिंह राज आदना | 2020 | 10 मीटर एयर पिस्टल | सिल्वर |
प्रमोद भगत | 2020 | बैडमिंटन सिंगल्स | स्वर्ण पदक |
मनोज सरकार | 2020 | सिंगल्स बैडमिंटन | कांस्य पदक |
सुभाष यतीराज | 2020 | बैडमिंटन | सिल्वर मेडल |
कृष्णा नगर | 2021 | बैडमिंटन | गोल्ड मेडल |
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टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रदर्शन
5 अगस्त 2020 से शुरू हुए पैरा ओलंपिक में भारत ने अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है भारत में कुल 18 पदक अपने नाम किए जिसमें से 5 स्वर्ण पदक, 8 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल थे, और इस पैरालंपिक में भारत 24वे स्थान पर रहा,
नाम | खेल | पदक |
अवनी लेखरा | शूटिंग | गोल्ड |
सुमित अतीत | जवलाइन थ्रो | गोल्ड |
मनीष नरवाल | 50 20 मीटर पिस्टल | Gold |
प्रमोद भगत | बैडमिंटन | गोल्ड |
कृष्ण नागर | बैडमिंटन | गोल्ड |
भवानी बैन पाटिल | टेनिस | सिल्वर |
निषाद कुमार | हाई जंप | सिल्वर |
योगेश कपुनिया | डिस्क थ्रो | सिल्वर |
मरियप्पंन | हाई जंप | सिल्वर |
प्रवीण कुमार | हाई जंप | सिल्वर |
सुभाष यातीराज | बैडमिंटन | सिल्वर |
सुंदर सिंह गुर्जर | जबलाइन थ्रो | कांस्य |
सिंह राज अधाना | शूटिंग | कांस्य |
सरद कुमार | हाई जंप | कांस्य |
अवनी लेखारा | रायफल शूटिंग | कांस्य |
हरविंदर सिंह | तीरंदाज | कांस्य |
मनोज सरकार | बैडमिंटन | कांस्य |
QnA
पैरालंपिक खेलों का आयोजन किन खिलाड़ियों के लिए होता है ?
पैरा ओलंपिक में सिर्फ सरीरिक रूप से अक्षम, विकलांग, कम बुद्धि वाले ही प्रतियोगी खेल सकते हैं यह लगभग 1 महीने तक चलता है,जितने वाले प्रतियोगियों को स्वर्ण पदक, रजत पदक एवं कांस्य पदक देकर सम्मानित किया जाता है,
पहला पैरा ओलंपिक खेल कब हुआ था?
पहला पैरा ओलंपिक 1948 में हुआ था
पैरा ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय कौन हैं?
सबसे पहला पदक मुरलीकांत पाटेकर द्वारा जीता गया था जिन्होंने तैराकी में 33.73 सेकेंड के worlrecord के साथ भारत को पहला स्वर्ण पदक जीताया था
टोक्यो पैरा ओलंपिक में भारत का कौन सा स्थान है?
5 अगस्त 2020 से शुरू हुए पैरा ओलंपिक में भारत ने अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है भारत में कुल 18 पदक अपने नाम किए जिसमें से 5 स्वर्ण पदक, 8 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल थे, और इस पैरालंपिक में भारत 24वे स्थान पर रहा,
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हैलो दोस्तो मेेरा नाम सचिन यादव है मै इस पेज का आथर और लेखक हु में 2 वर्षाे से ब्लागिग कर रहा हु में उत्तर प्रदेश केका रहना वाला हुॅ मैने 2018 में अपनी काले की पाढाई पुरी की और वर्तमान में एक सस्था में कार्यरत हु